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Saturday, May 22, 2010
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गढ़वाली दागडिया
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पौड़ी : करोडो बहाकर भी न बुझी प्यास
पीन’ अप गर्ल उर्फ उत्तराखंड की नायिका कथा
आइये ठंडे दिमाग से इस हिसा का जबाब ढूढे
ऐसे बनती हैं नावें नैनीताल की !
हँसते रहो!
वों कि बोर्यों माँ सब्जी हमारी बोरी मा रेतु छा
गंगा
शिक्षा का रास्ता पेट से होकर जाता है
मेरा गाँव, मेरे लोग
भोल जब फिर रात खुलाली
~ माँ मितै बडुलि लगदी ~
मौत तो एक दिन आनी ही है !
ऋषि से बने योद्धा
फिर बोतल से बाहर आया कंडी रोड का जिन्न
कोई ग्रामीणों को विकास की परिभाषा तो समझाये
No title
माता की चोकी
वन संरक्षण की नीतियों में जनहित को नहीं दी जाती तर...
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संजय गढ़वाली
मत पुछो मेरे बारे में कुछ भी क्यों की में एक गरीब घर से हु और इस टाइम छोटी जी जॉब कर रहा हु Sanjaygarhwali@gmail.com
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