Friday, March 18, 2011

उत्तराखण्ड होली






















जुकड़ी मा उबाल होण बेठी गे
होली कु त्यौहार नजदीक आयी गे
प्रेम का रगों से वेली खूब बरखा
यान ही फागुन की होली की बरखा आयी गे
चेत का महिना मा बनी बनी का फुल डालो पर खिली गेन
...होली का रंगों तय भी लोग खूब खरदीण बेठी गेन
होली का रगों मा हर तरफ घरो की देली सजी गे
दुकानदार भी रगों की ढ़ेर और पिचकारी ले कन बाजार में आयी गे
लाल गुलाबी नीला पिला यू सब ख़ुशी का रंग छन
ढोल डामो की तान मा सब दागडिया मस्त हुया छन
गुझिया पापड़ बनी बनी का पकवान बड बेठी गेन
खदा घुमदा मन ही मन मा होली का गीत गाण बेठी गेन
रग बिरागी हुई चा दुनिया सारी होली का रग मा
भेद भाव कुछ ना करया गला मिलया ये होली का त्यौहार मा

Tuesday, March 15, 2011

उत्तराखण्ड का पुराना माकन
























उत्तराखण्ड का पुराना माकन जू की पत्थर से बनया जादा छा कितना सुन्दर लगदा छा वू कूड़ा पहेली जमना का दुंग - माकन बनान वाला मिस्त्री ही कुछ अलग होदन अपणु पूरण कुड छा हमारू यू ढुग वालू
इसी तरह जहा हिंदी मई पत्थर है और अंग्रेजी में stone , लेकिन पहाड़ी में देखिये-
ख्यर - छोटे छोटे पत्थर
ल्वाड - थोडा बड़ा पत्थर
गंल्वाद - कुछ और बड़ा पत्थर
डासि - मजबूत पत्थर
दुंग - माकन बनाने वाला पत्थर
दाव - पत्थर वाली जमी

उत्तराखण्ड फुल सक्रांति

















उत्तराखण्ड फुल सक्रांति में आप का सब परिवार तय शुब कामना आज का दिन बठे हमरा गढ़वाल मा फुल देली मा डालदन सुबेर ले की फुल डाली कन नोनी स्कूल जदन एक महिना ये फुल कु त्यौहार होदू हमारा उत्तराखण्ड मा बनी बनी का फुल डाल दन या मा फ्योली का फूल बुरास का फुल हार किसम का फुल डाल दन
उत्तराखण्ड! .... फूल सक्रांति के दिन गाँव के औजि (ढोल दमाऊं बादक... ) द्वार-द्वार जाकर (नौबत ) इसको शुव्कामना सन्देश दिदु

Thursday, March 10, 2011

उत्तराखण्ड संजय गढ़वाली




















कुई आप तय पूछालू की को चा यू संजय गढ़वाली, ता बोली देनी की गरीब घर कु नोनू चा हमारू दागडिया चा
कुई आप तय पूछालू कु को चा यू संजय गढ़वाली, बोली देनी कुई ख़ास नी चा
जिन्दगी कु साथ दिन वालू चा जू हमारू दागडिया चा भालू आदमी चा
तूफान कु एक झलक चा कभी मिलदु ता कभी नी मिलदु
एक दागडिया चा हमारू अछी बात करदू जे की बात तय सुणी कन हम मस्त रेंदा
...ना ता वेक होण से कुछ गम पर कभी कभी आँखों मा आसु दिण वालू दागडिया चा
कुई आप तय पूछालू कु को चा यू संजय गढ़वाली,आप बोली देनी कोई ख़ास नी चा
कुई आप तय पूछालू कु को चा यू संजय गढ़वाली बोली देन हमारू दागडिया चा

Sunday, March 6, 2011

उत्तराखण्ड की महिला



















उत्तराखण्ड की महिला कु जीवन और दुःख चा पहाड़ की जीतना भी महिला छनचुला पर हो या घर कु काम हो खेती बाड़ी कु काम हो अपणु पूरा समय दिदान धुवा मा आंखी छान फूटनी पर मज़बूरी चा खाणु बनान कुछ यान भी छन जों अपना पूरा जीवन ये गढ़वाल मा ही काटी येली

पहाड़ की चेली ले, पहाड़ की ब्वारी ले
कैभे नि खाया द्वि रुवाटा, सुख ले
पहाड़ की चेली ले, पहाड़ की ब्वारी ले
राति उठी, पोश गाड़ना पानी ले भरी लियूना
बिना कलेवा रुवाटा, तिवीली जाण घास का मगना
बार बाजी तू घर आयी
सासू के गाली पायी