Sunday, February 27, 2011

उत्तराखण्ड गढ़वाल की याद



















तुमारी खूद मा मेरु जिया नी लगदु हें तुमारी खूद मा
घौर की आज याद छ आणी, गो गाली की शेरा पुगड़ो की दादा काठी गाड़ी गधना दागडियो की खूद सताणी - २ यू पापी पराण, गांव खोलो की याद छ आणी - २ यख छ हम परदेश मा पराया मनखी विराण, के मा छुई लगान के मा कुछ बुन केकी सुण ना अपणी खेरी के मा लगे सकदा खेरी खे कन दिन छो कटणु यख