Monday, August 9, 2010

हरिद्वार कंवार मेला

ॐ ह्रौं जूं सः। ॐ भूः भुवः स्वः। ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं
पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌।

स्वः भुवः भूः ॐ। सः जूं ह्रौं ॐ ॥


शिव के भक्तो सुन लो
फिर सावन आया है
बाबा ने तुमको
हरिद्वार बुलाया है
बेल चढाओ फूल चढाओ
और चढाओ गंगाजल
तेरे हर परेशानी का
बाबा कर देगा हल
शिव के भक्तों सुन लो….
मेरा जटाधारी ये शिव
नीलकंठ कहलाता है
हर भक्तों के जीवन से
विष वो पी जाता है
चलो उठाओ कावर भक्तों
सुख की घडी अब आया है
बाबा ने तुमको
हरिद्वार बुलाया है.
शिव के भक्तों सुन लो….
मेरा बाबा बड़ा ही दानी है
ये तो अंतर्यामी है
देव असुर सब इनको पूजे
कहलाता महादानी है
चलो गंगाजल भर के भक्तों

सावन में ये बाँटने आया है
बाबा ने तुमको
हरिद्वार बुलाया है
शिव के भक्तों सुन लो….

No comments: