Sunday, March 6, 2011

उत्तराखण्ड की महिला



















उत्तराखण्ड की महिला कु जीवन और दुःख चा पहाड़ की जीतना भी महिला छनचुला पर हो या घर कु काम हो खेती बाड़ी कु काम हो अपणु पूरा समय दिदान धुवा मा आंखी छान फूटनी पर मज़बूरी चा खाणु बनान कुछ यान भी छन जों अपना पूरा जीवन ये गढ़वाल मा ही काटी येली

पहाड़ की चेली ले, पहाड़ की ब्वारी ले
कैभे नि खाया द्वि रुवाटा, सुख ले
पहाड़ की चेली ले, पहाड़ की ब्वारी ले
राति उठी, पोश गाड़ना पानी ले भरी लियूना
बिना कलेवा रुवाटा, तिवीली जाण घास का मगना
बार बाजी तू घर आयी
सासू के गाली पायी

1 comment:

Unknown said...

Bahut achi koshish h aapki garhwali sanskrit ke prachar ki