Tuesday, January 4, 2011

उत्तराखण्ड गढ़वाल की ठण्ड

ये ठण्ड का मोसम मा कख छे ये दागडिया तु
मेरा ता ठण्ड ना बुरा हाल वे गेन घर मा आग सिखणी वेली तु

जुकड़ी भटकणी चा मेरी दिल चा बुनू कख वेली
आखी छान टपराणी बुनी छन कख वेली कख वेली

दागडिया सब धानी छोड़ याली अब एक तेरु ही सहरा चा
आई भी जा अब तु जुकड़ी भी तेरा ही सहरा बेठी चा

कन दागडिया छे तु जू तवे मेरी जरा भी याद नी आदी
दागडिया सारा दिन फेसबुक और जीमेल देखी कन मेरी आखी पटे जादी

आखी भी टपराणी छन जुकड़ी भी धड्कानी चा तेरी याद मा
डबकुडू छो गाडा गदनयो पागल वे गयो मी ता तेरी याद मा

No comments: