Thursday, November 25, 2010
उत्तराखण्ड का पहाड़ डाड़ी काठी
मेर डण्डि कण्ठियों का मुलुक जैल्यु, बसन्त रितु मा जैयि -२
हैर बण मा बुराँसि का फूल, जब बण आग लगाण होला..
पीता पखों थैं फ्योलिं का फूल, पिन्ग्ला रंग मा रंग्याण होला ..
ळाइयां पैयां ग्वीराल फूलु ना-२, होलि धर्ति सजि देखि ऐइ …
बसन्त रितु म जैयि…
मेर डांडि....
रन्गील फागुन होल्येरोन कि टोलि, डांडि कांठियों रंग्यणि होलि...
कैक रंग म रंग्युं होलु क्वियि, क्वि मनि-मन म रंग्श्याणि होलि..
किर्मिचि केसरि रंग कि बाढ-२, प्रेम क रंगों मा भीजि ऐइ...
बसन्त रितु म जैयि….
मेर डांडि....
बिन्सिरि देय्लिओं मा खिल्दा फूल, राति गों-गों गितेरुं का गीत...
चैता का बोल, ओजियों का ढोल, मेरा रोंतेला मुलुके कि रीत...
मस्त बिग्रैला बैखुं का ठुम्का-२, बांदूं का लस्सका देखि ऐइ....
बसन्त रितु म जैयि...
मेर डंडि....
सैणा दमला र चैतै बयार, घस्यरि गीतों मा गुंज्दि डांडि...
खेल्युं मा रंग-मत ग्वेर छोरा, अट्क्दा गोर घम्डियंदि घंडि..
वखि फुन्डे होलु खत्युं मेरु भि बच्पन, -२ ऊक्रि सक्लि त ऊक्रि कि लैयि...
बसन्त रितु म जैयि...
मेर डण्डि कण्ठियों का मुलुक जैल्यु, बसन्त रितु मा जैयि??
Sunday, November 14, 2010
उत्तराखण्ड दागडियो दगडी चेटिंग
दागडिया बिगाड़ गेनी चेटिंग मा
हुनी छा अब हाकिंग भी चेटिंग मा
टाइम पास वे गे वू कु चेटिंग मा
क्या खुडी कि हुडी छा अब सेटिंग भी चेटिंग मा
हुनी छा अब हाकिंग भी चेटिंग मा
टाइम पास वे गे वू कु चेटिंग मा
क्या खुडी कि हुडी छा अब सेटिंग भी चेटिंग मा
दागडिया वे गेन बेकार अब चेटिंग मा
आंख भी होदन ख़राब यी चेटिंग मा
पहेली ता बोल्दन कि हम दोस्त छा
फिर बाद मा क्या बन जदन यी चेटिंग मा
खूब कर दन मस्ती दाग डिया चेटिंग मा
अब ता हार बात ही करदन दाग डिया चेटिंग मा
अब ता टेलीफोन भी बेकार वे गेन चेटिंग मा
अब ता सब बात हुनी छान ये चेटिंग मा
दाग डियो कि इंगलिश ख़राब वे गे चेटिंग मा
वे गेन सब दागडिया बदनाम ये चेटिंग मा
क्या मतलब होदू बात कनु कि पता चल गे अब सब ये चेटिंग मा
अब ता सब दाग डियो तय पता चल गे कि मोहोबत भी हुनी छा चेटिंग मा
Monday, November 8, 2010
दिवाली मुबारक
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